Wednesday, June 2, 2010

रावन होता तो

हमेशा भलाई ही चाही
कभी कुछ भी बुरा चाह
फिर भी लोगो ने भुलाया
हमेशा अपनी याद दिलानी चाही
पर किसी ने याद नहीं किया
तभी तो लगता है की काश
मैं भी रावन होता
जब भी खुल के हसता तो
लोग कहते रावन की तरह हसता है

जब भी कुछ बुरा करता
तो लोग याद करते रावन की तरह
हज़ार अच्छे काम किये पर
एक बुरे काम ने सब पे पानी फेरा

काश के मई भी रावन होता
दिन भर में एक बार तो लोग याद करते

राम जैसा बन के काया मिला
अपनों ने ही भुला दिया
गैरो का क्या करता
अब तो सच में लगता है
की काश मैं भी रावन होता


अब तो सच में लगता है
की काश मैं भी रावन होता

5 comments:

  1. are bhai ji sabra rakhiye.....ram banane me thodi takleef to zaroor hogi par pooja ram ki hi hogi....

    waise sundar prastuti hai...

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  2. बुराई जल्दी पता चल जाती है और अच्छाई देर से....नाम के लिए बुरा बनना उचित नहीं...पर मन के भाव हैं....अच्छे से लिखे हैं

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  3. रावण अगर होते तो क्या होता ...
    इस दुनियाँ में रावणों की कमी तो नहीं है
    एक रावण और होता और क्या!!

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  4. Raavan is here...

    You can see him in ACTION soon, (NOT YET)...

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