Thursday, June 3, 2010

ये दिल्ली है

चार बूंद जिन्दगी हो तो ,
उसे पोलियो कहते है
चार लाइन हिंदी की हो
तो उसे कविता कहते है
चार कुत्ते एक साथ भोंके
तो उन्हें राजनेता कहते है

घर से निकलते तो है
पर आने का पता न हो
न जाने इस शहर को
किसकी नज़र लग गई

घर छोटे छोटे पर दिल
बड़ा यही तो दिल्ली है

3 comments:

  1. सुन्दर रचना

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  2. घर छोटे छोटे पर दिल
    बड़ा यही तो दिल्ली है

    सच कहा,
    हाँ यही है दिल्ली

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  3. sahikaha kuttoke bareme

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