अभी अभी तो आसमा से गिरे है
और गिरे भी तो ऐसा
न खजूर पे अटके
न किसे छत से लटके
सीधे आ के जमीन पे गिरे
अब जो गिरे है तो उठने में समय
तो लगेगा ही
और अगर उठ भी गए तो वोही
आसमा पाना आसान न होगा
पर उठना तो है ही
दिल में हौसला जो है
चाहे आसमा मिले न मिले
जमीन तो अपनी है
ab aisa lagta hai
ReplyDeletenaa jamin apne aur naa hai aasman
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
waah badhiya prastuti...
ReplyDeleteबहुत बढिया
ReplyDeleteगिरे हैं तो उठने में समय तो लगेगा
पर कोशिश यही हो कि गिरे ही नहीं
सुन्दर
कहाँ गिरे हैं भईया .. मैं मदद के लिये आऊँ क्या?
ReplyDeleteवैसे बहुत बढिया लिखे हैं
गिरते हैं सहसवार मैदाने जंग में ....
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