सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
बहुत उम्दा रचना है। यथार्त को उजागर करती हुई।चंद शब्दों मे बहुत गहरी बात कह दी। बधाई स्वीकारें।
sahi baat kahi...achchi kavita
nice
पर कुछ आदत से मजबूरगलती पे गलती कर रहे होते हैयही तो मानव के लिये अभिशाप है वह गलतियों से बाज नही आतासुन्दर लिखा हैबहुत सुन्दर
sahi baat hai ..........
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत उम्दा रचना है। यथार्त को उजागर करती हुई।चंद शब्दों मे बहुत गहरी बात कह दी। बधाई स्वीकारें।
ReplyDeletesahi baat kahi...achchi kavita
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ReplyDeletenice
ReplyDeleteपर कुछ आदत से मजबूर
ReplyDeleteगलती पे गलती कर रहे होते है
यही तो मानव के लिये अभिशाप है वह गलतियों से बाज नही आता
सुन्दर लिखा है
बहुत सुन्दर
sahi baat hai ..........
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